घर की याद -भवानी प्रसाद मिश्र xi class CBSE/HBSE
प्रश्न - 1 परिवार के प्रति कवि की संवेदनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर - कवि अपने परिवार से बहुत प्रेम करता है। उसे रह-रहकर
अपनी माँ, भाई-बहनों तथा पिता की याद आती है। वह अपनी
माँ के स्नेह को कारागार में भी महसूस करता है। वह इस
स्थिति को सोचकर ही दुखी हो उठता है कि उसके कारण
उसके पिता की आँखों में आँसू आ गए होंगे। वह उनका दुख
कम करने के लिए यह जताना चाहता है कि वह जेल में दुखी
नहीं है। अतः वे उसकी चिंता करके दुखी न हों।
प्रश्न - 2 - पिता कवि को ‘सोने पे सुहागा’ क्यों मानते हैं?
उत्तर - पिता को अपने सभी बेटे प्यारे हैं, परंतु उन्हें सबसे अधिक
स्नेह कवि से है। कवि ने अपने आपको देश सेवा में समर्पित
करके, उनके सिखाए गए नियमों तथा सिद्धांतों को क्रियान्वित
किया और अपने माता-पिता का नाम उज्ज्वल किया, इसलिए
कवि के पिता उसे ‘सोने पे सुहागा’ कहते थे।
प्रश्न - 3 जेल जाकर कवि की मानसिक स्थिति कैसी हो गई?
उत्तर - कवि को इस बात पर बहुत गर्व था कि वह देश के प्रति अपने
कर्तव्य को पूरा कर रहा है, परंतु रातभर वर्षा होने के कारण रह-रहकर घर-परिवार की याद सता रही थी। उस समय की तुलना कवि ने नरक की यातना तथा नीरसता से की है।
प्रश्न - 4 कविता पढ़ने के पश्चात् कवि की माँ के बारे में क्या छवि उभरती है?
उत्तर - कविता पढ़ने के पश्चात् हमें यह पता चलता है कि कवि की माँ भले ही अनपढ़ है, लेकिन उनकी सोच अत्यंत प्रभावशाली है। उन्हें इस बात का दुख अवश्य हो रहा है कि उनका एक बेटा उनसे दूर कारावास में है, परंतु उन्हें इस बात पर गर्व भी है कि कवि ने देशहित में स्वयं को समर्पित कर दिया है।
यदि कवि ऐसा न करता, तो वह लज्जित हो जाती। मुश्किल समय में जब कवि के पिता भावुक होकर रो पड़ते हैं, तब वे ही उन्हें धीरज बँधाती हैं और पूरे घर को सँभालने का प्रयास करती हैं। इससे उनकी सहनशीलता व देशभक्त होने वाली छवि उभरती है।
प्रश्न - 5 कवि द्वारा सावन के माध्यम से झूठा संदेश भिजवाना क्या दर्शाता है?
उत्तर - कवि द्वारा सावन को दूत बनाकर अपने पिता को झूठा संदेश
भिजवाना यह दर्शाता है कि कवि अपने पिता को व्यथित और
दुखी नहीं देख सकता। उसके पिता दुखी न हों, इसीलिए वह अपने दुख और संताप को छिपाने के लिए तैयार है।
प्रश्न - 6 प्रस्तुत कविता के आधार पर मिश्र जी की भाषा-शैली पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर - कवि मिश्र जी की कविता की सबसे बड़ी विशेषता है-सहज
लेखन तथा सहज अभिव्यक्ति। उनकी कविता में अलंकारों के
माध्यम से चमत्कार उत्पन्न करने का गुण दिखाई नहीं देता, अपितु अलंकार स्वाभाविक रूप से स्वयं ही आ जाते हैं। इनकी कविता सहज लय की कविता है। मिश्र जी में
बोल-चाल के गद्यात्मक से लगते वाक्य विन्यास को ही कविता
में बदल देने की अपूर्व क्षमता है। इसी कारण उनकी कविता सहज होती है। इनकी कविताओं में भावों को मुख्य स्थान प्रदान किया गया है।
प्रश्न - 7 कवि ने स्वयं को अभागा क्यों कहा है?
उत्तर - कवि को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के कारण
कारावास की सज़ा मिली। उसके जेल जाने के कारण उसके
माता-पिता अत्यंत दुःखी थे और वह स्वयं को उनके दुःख का
कारण समझ रहा था, इसलिए कवि ने स्वयं को अभागा कहता है।
प्रश्न - 8 अपने पिता की किस परंपरा को कवि आगे बढ़ा रहा है?
उत्तर कवि के जेल जाने से दुःखी उसके पिता को ढौंढस बँधाते हुए उसकी माँ कहती है आपके देश प्रेम की इच्छा को जानकर और आपके प्रति अपनत्व की भावना के कारण ही वह जेल गया है। यह तुम्हारी ही परंपरा थी जिसे वह आगे बढ़ा रहा है।
प्रश्न - 9 ‘तुम बरस लो वे न बरसे’ पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि बादल से अनुरोध करते हुए कहता है कि तुम बरस लो अर्थात् तुम्हारे बरसने से जगत का कल्याण होगा, इसलिए तुम बरसो, परंतु तुम मेरे पिता से ऐसा कुछ न कहना जिससे वे दुःखी हों। तुम्हारा बरसना लोगों के लिए मंगलमय होगा, लेकिन मेरे पिता के लिए दुःख भरा हो सकता है इसलिए तुम उन्हें कुछ न बताना। यदि उन्हें मेरी यातना के बारे में पता चला तो उनके होने से मुझे अत्यंत पीड़ा पहुँचेगी। दुःखी होने से मुझे अत्यंत पीड़ा होगी।
प्रश्न - 10 ‘घर की याद’ कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर ‘घर की याद’ कविता में कवि ने जेल प्रवास के दौरान रात को वर्षा होने से हृदय में जागृत हुई कोमल भावनाओं के कारण अपने घर व परिवार के सदस्यों की याद आने का वर्णन किया है। ममतामयी माँ, साहसी, दृढ़ स्वभाव, मेहनती व भावुक पिता तथा भाई-बहनों का स्मरण उसके हृदय में उनसे बिछुड़ने की पीड़ा को अभिव्यक्त किया गया है।
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