Corona Data- Information
कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं(वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह RNA( An RNA virus is a virus that has RNA(ribonucleic acid) as its genetic material )वायरस होते हैं।
Most viruses have either RNA (ribonucleic acid )or DNA ( Deoxyribonucleic acid. ) as their genetic material. The nucleic acid may be single- or double-stranded. The entire infectious virusparticle, called a virion, consists of the nucleic acid and an outer shell of protein. The simplest viruses contain only enough RNA or DNA to encode for protein
RNA virus: A virus in which the genetic material is RNA. The RNA may be either double- or single-stranded.
There are 6 classes of viruses. The DNA viruses constitute classes I and II.
The RNA viruses make up the remaining classes.
Class III viruses have a double-stranded RNA genome. Class IV viruses have a positive single-stranded RNA genome, the genome itself acting as an RNA (messenger RNA.
Class V viruses have a negative single-stranded RNA genome used as a template for mRNA synthesis.
Class VI viruses have a positive single- stranded RNA genome but with a DNA intermediate not only in replication but also in an RNA synthesis.
An RNA virus injects its RNA into a cell. Viral RNAcontains the blueprints for all of the components of a particular virus. Examples of RNA viruses include the flu, polio, measles, and SARS.
इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। गाय और सूअर में इनके कारण अतिसार हो सकता है जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी श्वास तंत्र के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। अभी तक रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।
कोरोना प्रजाति--
अल्फ़ाकोरोनावायरस (Alfacoronavirus)
बेटाकोरोनावायरस (Betacoronavirus)
गामाकोरोनावायरस (Gammacoronavirus)
डेल्टाकोरोनावायरस (Deltacoronavirus)
चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है,।हाल ही में WHO(world health organization) ने इसका नाम COVID-19 रखा।क्योंकि इसकी शुरुआत 2019 में हुई।
शब्द की उत्पत्ति-
लातीनी भाषा में "कोरोना" का अर्थ Crown("मुकुट") होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है तो चन्द्रमा के चारों ओर किरण निकलती प्रतीत होती है उसको भी कोरोना कहते हैं।
वायरस से सम्बंधित तथ्य-
ये बड़े गोलाकार कणों के रूप में होते हैं।वायरस के कणों का व्यास लगभग 120 नैनोमीटर होता है।वायरल कैप्सूल में एक लिपिड बाईलेयर होती है। जहां मेम्ब्रेन(झिल्ली), आवरण, और स्पाइक संरचनात्मक प्रोटीन डले होते हैं।कोरोना वायरस का एक उपसमूह (विशेष रूप से betacoronavirus उपसमूह A के सदस्य) हेमग्लगुटिनिन एस्टरेज़ नामक एक छोटा स्पाइक जैसी सतह भी प्रोटीन है।
कैप्सूल के अंदर न्यूक्लियोकैप्सिड होते है, जो कि न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) प्रोटीन की कई प्रतियों से बनता है। ये RNA युक्त विषाणु होते हैं।[11] जब यह होस्ट सेल के बाहर होता है तो लिपिड बाईलेयर कैप्सूल, झिल्ली प्रोटीन और न्यूक्लियोकैप्सिड वायरस की रक्षा करते हैं।
इस विषाणु में एकल आरएनए युक्त जीनोम पाया जाता है। कोरोनावायरस के जीनोम का आकार लगभग 27 से 34 किलोबेस तक होता
What Is a Virus?
Viruses are small particles of genetic material (either DNA or RNA) that are surrounded by a protein coat. Some viruses also have a fatty "envelope" covering. They are incapable of reproducing on their own. Viruses depend on the organisms they infect (hosts) for their very survival.
कोरोना वायरस लक्षण क्या हैं?
कोरोना वायरस के लक्षण निम्नलिखित है जिनके माध्यम से आप कोरोनावायरस की पहचान कर सकते हैं:
खांसी, बहती नाक और गले में खराश की अज्ञात अवधि उच्च बुखारठीक से साँस न ले पाना या साँस लेने में कठिनाई होना किडनी और लीवर खराब फंक्शन करण किडनी फेल्योर गंभीर और लाइलाज खांसी और कफ ,निमोनिया ब्रोंकाइटिस ऊपरी श्वसन संक्रमण।
कोरोना वायरस का निदान कैसे किया जाता है?
यदि आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संदेह है तो आपको अपने डॉक्टर को जल्द से जल्द दिखाना चाहिए। डॉक्टर कुछ लेबोरेटरी टेस्ट करते हैं और आगे के टेस्ट के लिए आपके सैम्पल को लेते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं या नहीं।
यदि कोई व्यक्ति एमईआरएस से पीड़ित है जो मध्य पूर्वी श्वसन सिंड्रोम होते हैं तो ज्यादातर, लेबोरेटरी टेस्ट किया जाता है। आपको अपने डॉक्टर को उन सभी लक्षणों के बारे में बताना चाहिए जिनका आप सामना कर रहे हैं, साथ ही आपकी हाल की यात्राओं और जानवरों या पालतू जानवरों के साथ किसी भी संपर्क के बारे में भी बताना चाहिए।
कोरोना वायरस का इलाज कैसे किया जाता है?
कोरोना वायरस ने तीसरी बार दुनिया की आबादी को प्रभावित किया है लेकिन अभी तक इस बीमारी का कोई खास इलाज नहीं मिला है। वैज्ञानिक अपने प्रयोगों से तेजी से फैल रहे इस वायरस को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। डॉक्टरों के अनुसार, यदि बीमारी घातक चरण तक नहीं गई है, जिससे मृत्यु होती है तो कोरोन वायरस के मरीज अपने आप ठीक हो जाते हैं।
यदि आप कोरोना वायरस के लक्षण से पीड़ित हैं तो इसका सबसे अच्छा उपचार दर्द और बुखार की दवाएँ लेना है या आप ह्यूमिडिफायर का भी उपयोग कर सकते हैं जो खांसी, गले में खराश और सर्दी से राहत प्रदान करता है। बहुत सारा पानी या तरल पीने से भी बीमारी के समय मदद मिल सकती है।
कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय
कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और इसका कोई इलाज नहीं होने से यह लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। कोरोना वायरस का अब तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है और चीजें खराब हो रही हैं। कोरोनावायरस के हमले को रोकने का पहला तरीका ठंड से दूर रहना है। कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:
अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से धोना चाहिएअल्कोहल आधारित सैनिटाइजर लगानाअपनी उंगलियों को अपनी आंखों, नाक या मुंह के पास न लें क्योंकि ये सबसे संवेदनशील क्षेत्र होते हैंसंक्रमित लोगों के संपर्क में न आएं
लॉकडाउन करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीसंबोधित करते हुए।
भारत सरकार ने केरल में 30 जनवरी 2020 को कोरोनावायरस के पहले मामले की पुष्टि की, जब वुहान के एक विश्वविद्यालय में पढ़ रहा छात्र भारत लौटा था। 22 मार्च तक भारत में कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की संख्या 500 तक थी है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को सभी नागरिकों को 22 मार्च रविवार को सुबह 7 से 9 बजे तक 'जनता कर्फ्यू' करने को कहा था।मोदी ने कहा था: "जनता कर्फ्यू कोविड-19 के खिलाफ एक लंबी लड़ाई की शुरुआत है"। दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए, 24 मार्च को, उन्होंने 21 दिनों की अवधि के लिए, उस दिन की मध्यरात्रि से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की।उन्होंने कहा कि कोरोनावायरसके प्रसार को नियंत्रित करने का एकमात्र समाधान सामाजिक दूरी है।उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन जनता कर्फ्यू की तुलना में सख्त लागू किया जाएगा।
वहीं अब भारत में लॉकडाउन को कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। इस बार इसकी घोषणा PM मोदी जी ने नही बल्कि भारतीय गृह मंत्रालय ने की है। इस लॉकडाउन को 3.0 नाम दिया गया है
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