ल्हासा की ओर ।9th

ल्हासा की ओर।;अनुच्छेद 1. (क) चीनी पलटन कहां रहती थी? (ख) किले के कुछ भागों में किसने अपना बसेरा बना लिया है? (ग) लेखक चाय पीने हेतु कहाँ रुका ? (घ) जाति-पाति छुआछूत का भेदभाव कहाँ नहीं है ? (ङ) तिब्बत में लोग अपने घरों में किन्हें नहीं आने देते थे और क्यों ? उ त्तर (क) चीनी पलटन जगह-जगह बनी फ़ौजी चौकियों और किलों में रहती थी। (ख) किले के कुछ भागों में किसानों ने अपना बसेरा बना लिया है। (ग) लेखक चाय पीने के लिए एक चीनी किले में रुका। (घ) तिब्बत में जाति-पाति छुआछूत का भेदभाव नहीं है। (ङ) तिब्बत में लोग बहुत निम्न श्रेणी के भिखमंगों को चोरी के भय से घरों के भीतर नहीं आने देते, नहीं तो बिलकुल घर के भीतर चले जा सकते हैं। 

 अनुच्छेद 2 प्रश्न (क) डाँड़ा थोङ्ला कैसी जगह है ? (ख) डाँड़ा थोङ्ला में बहुत दूर-दूर तक आदमी क्यों नहीं दिखाई देते ? (ग) डाँड़ा थोङ्ला किसके लिए सबसे अच्छी जगह है और क्यों ? (घ) तिब्बत को निर्जन स्थानों पर किनकी परवाह नहीं होती ? 

 उत्तर (क) तिब्बत में डाँड़ा थोड़ला सबसे खतरे की जगह है। उसकी ऊँचाई सोलह-सत्रह हजार फुट है। (ख) डाँड़ा थोङ्ला की ऊँचाई अधिक होने के कारण तथा नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण बहुत दूर तक आदमी नहीं देते। दिखाई (ग) डाँड़ा थोङ्ला डाकुओं के लिए सबसे अच्छी जगह है क्योंकि यहाँ दूर-दूर तक आदमी को देखा नहीं जा सकता। (घ) तिब्बत को निर्जन स्थानों पर मरे हुए आदमियों की परवाह नहीं होती। 

 अनुच्छेद 3. प्रश्न (क) डाँड़े के देवता का स्थान किनसे सजाया गया था ? (ख) प्रस्तुत गद्यांश का लेखक कौन हैं? यह किस शैली में रचित है ? (ग) घोड़े को धीरे चलता देखकर लेखक ने क्या समझा ? (घ) लेखक किसके समान घोड़े पर झूम रहा था ? 
 उत्तर (क) डाँड़े के देवता का स्थान पत्थरों के ढेर, जानवरों की सींगों और रंग-बिरंगे कपड़े की झंडियों से सजाया गया था। (ख) प्रस्तुत गद्यांश के लेखक राहुल सांकृत्यायन हैं। यह आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया है। (ग) घोड़े को धीरे चलता देखकर लेखक ने समझा कि घोड़ा चढ़ाई की थकावट के कारण ऐसा कर रहा है। (घ) लेखक दोन्क्विकस्तो के समान घोड़े पर झूमता हुआ चला जा रहा था।

 अनुच्छेद 4. प्रश्न (क) लेखक किस स्थान के आस-पास के गाँवों की बात कर रहा है? वहाँ की क्या विशेषता है? (ख) यजमान किसे कहते हैं? सुमति उन्हें गंडे क्यों देते हैं? (ग) सुमति यजमानों के पास क्यों जाना चाहते हैं? लेखक उन्हें क्यों नहीं जाने देना चाहते ? (घ) लेखक ने सुमति को गाँवों में न जाने के लिए कैसे मनाया (ङ) सुमति ने पैसा कहाँ लेना स्वीकार कर लिया था ? 

 उत्तर (क) लेखक तिरी के आस-पास के गाँवों की बात कर रहा है। पहाड़ों से घिरे हुए तिड्री के मैदान टापू जैसे दिखाई देते थे। मैदान में एक छोटी-सी पहाड़ी थी। इस पहाड़ी को तिदूरी-समाधि-गिरि कहा जाता है। (ख) यजमान वह व्यक्ति होता है जो किसी ब्राह्मण अथवा धर्मगुरु से कोई धार्मिक कार्य करवाता है। सुमति अपने यजमानों को गंडे इसलिए देते हैं क्योंकि उनके यजमानों को यह विश्वास है कि इन गंडों को बोधगया से लाए गए कपड़े से बनाया गया है। यह गंडे उनकी रक्षा करेंगे। यजमान गंडों के बदले सुमति को दक्षिणा देते हैं। (ग) सुमति यजमानों के पास इसलिए जाना चाहते हैं कि वे अपने यजमानों को गंडे दे सकें तथा उनसे दक्षिणा प्राप्त कर सकें। लेखक उन्हें यहाँ इसलिए नहीं जाने देना चाहता क्योंकि इस प्रकार उनकी यात्रा में बाधा आ जाएगी। सुमति वहाँ हफ़्ता-भर लगा सकते हैं। (घ) लेखक ने सुमति को अन्य गाँवों में न जाने के लिए यह कहकर मना लिया कि जिस गाँव में ठहरना हो वहाँ के यजमानों को गंडे बाँट दो परंतु आसपास के अन्य गाँवों में मत जाओ। इससे होनेवाली हानि के बदले लेखक उसे ल्हासा पहुँचकर रुपए दे देगा। (ङ) सुमति ने ल्हासा में पैसे लेना स्वीकार कर लिया था। 

 अनुच्छेद 5. प्रश्न (क) तिब्बत में जमीन की स्थिति कैसी है ? (ख) तिब्बत में जागीरदार खेती कैसे और किनसे कराते हैं? (ग) तिब्बत में खेती का प्रबंध देखनेवाले भिक्षुओं की क्या स्थिति है ? (घ) ‘बेगार’ से क्या आशय है? (ङ) दो विदेशी शब्द चुनकर लिखिए। 

 उत्तर - (क) तिब्बत की जमीन अनेक छोटी-बड़ी जागीरों में बँटी हुई है। इनमें से अधिकतर जागीरों पर मठों का अधिकार है। वे ही इसका प्रबंध करते हैं। (ख) तिब्बत में जागीरदार कुछ खेती स्वयं भी करते हैं और कुछ बेगार में मिलनेवाले मजदूरों से कराते हैं। (ग)तिब्बत में खेती का प्रबंध देखनेवाले मठों के भिक्षुओं को वहाँ काम करनेवाले एक राजा के रूप में सम्मान देते थे। उनके लिए वे उनके अन्नदाता थे। (घ)‘बेगार’ उन व्यक्तियों को कहते हैं जो बिना कोई निश्चित पारिश्रमिक लिए काम करते हैं। (ङ) जागीर, इंतज़ाम

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