अक्क महादेवी (वचन)Akk Mhadevi e bhukh mat machal
(i) कविता के साथ प्रश्न 1. 'लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ बाधक होती हैं। इसके संदर्भ में अपने तर्क दीजिए। उत्तर : आँख, जीभ, मन आदि वे अंग हैं जो हमें बाहरी पदार्थ के गुणों का अनुभव कराते हैं और यह अनुभव कराने की शक्ति अत्यंत प्रबल होती है। ये इंद्रियाँ हमें बाह्य जगत् से जोड़ती हैं और इस जगत् के पदार्थों का उपभोग करने के लिए प्रेरित करती हैं। दूसरी ओर लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मन पर संयम होना आवश्यक है क्योंकि लक्ष्य पाने के लिए हमें सच्ची लगन के साथ मेहनत करनी होती है। अतः जो व्यक्ति अपनी इन इंद्रियों के वश में रहता है, वह संयम के साथ मेहनत नहीं कर सकता। उसके मन में काम, क्रोध, मोह, अहंकार, लोभ, विषय-वासना आदि विकार जाग्रत हो जाते हैं। वह अपने लक्ष्य को भूलकर इन सांसारिक सुखों के पीछे भागने लगता है। ये इंद्रियाँ ही मनुष्य को मोह-माया में फँसाती हैं और उसे गहरे पतन की ओर धकेलती जाती हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई विद्यार्थी अपनी इंद्रियों के वशीभूत होकर फिल्में देखता है, इधर-उधर भटकता है, तो निश्चय ही वह शिक्षा प्राप्ति के उद्देश्य से भटक जाएगा। अतः संक्षेप में कहा जा सकता है क...